भारत के इतिहास का वो दिन जब 21 दिनों के लिए सबकुछ हो गया था बंद - NOFAA

भारत के इतिहास का वो दिन जब 21 दिनों के लिए सबकुछ हो गया था बंद

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर से पूरी दुनिया में दस्तक देने वाले कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए आज ही के दिन यानी 24 मार्च 2020 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लॉकडाउन की घोषणा की थी। 21 दिनों के लिए भारत पूरी तरह से बंद कर दिया गया।। ये देश के इतिहास में पहली बार हुआ था। पब्लिक, प्राइवेट ट्रांसपोर्ट, स्कूल-कॉलेज, दफ्तर, बाजार से लेकर हर उस जगह पर ताला लगा दिया गया जो सार्वजनिक थी। आसमान में न हवाई जहाज थे, न सड़कों पर गाड़ियां। पटरियों पर धड़धड़ाती ट्रेनें भी थम गईं। ये डर था उस महामारी जो मौत बनकर आई थी। 24 मार्च को लॉकडाउन से पहले पीएम मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्प्यू की अपील भी की थी।

लॉकडाउन ने तोड़ी अर्थव्यवस्था की हड्डी 
देश में कोरोना वायरस महामारी से लोगों को बचाने के लिए लगाए लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया था। व्यापारी वर्ग नुकसान में था, मजदूरों की मौत हो गई, बेरोजगारी पहले से ज्यादा बढ़ गई थी। हर तरफ हाहाकार मचा हुआ था। हालांकि महामारी ने लाखों देशवासियों का अपने प्रियजनों से विछोह कराया तो लॉकडाउन ने उनकी आर्थिक रीढ़ तोड़ दी।

देश की अर्थव्यवस्था पर भी अब तक का सबसे बड़ा संकट मंडराया। संकट के दौर में देश के करोड़ों लोगों की मदद के लिए देशवासियों ने अपने-अपने स्तर पर हाथ भी बढ़ाया। हालांकि साल भर में हालात काफी बदले हैं। अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। धंधे-रोजगार रफ्तार पकड़ रहे हैं, कोरोना का टीकाकरण शुरू हो चुका है, लेकिन नहीं थम रहा है तो संक्रमण। साल भर बाद मार्च 2021 में देश में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन व नाइट कर्फ्यू लगाया जाने लगा है। गनीमत है कि अभी देशव्यापी लॉकडाउन के आसार नहीं हैं।

लॉकडाउन का असर, महंगाई बढ़ी, सैलटी कटी 
कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन आम आदमी की वो हालत कर दी जो इतिहास में शायद पहले कभी ना थी। लॉकडाउन की वजह से लोग घर के अंदर बंद थे, जब बाहर निकले तो महंगाई ने मारना शुरू कर दिया। किसी की नौकरी गई, तो किसी का धंधा बंद हो गया। सैलरी भी घटने लगी, लेकि महंगाई चरम पर पहुंच गई। अभी बढ़ती जा रही है। सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहती है। ताकि आम आदमी को राहत दे सके, लेकिन पिछले एक साल में रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सामान 20% तक महंगे होने से आदमी की जेब सफाचट्ट हो गई है। बाकी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने तो हमारा जीना पहले से ही मुहाल किया है।

कब-कब क्या हुआ 

  • 22 मार्च 2020 – देश में लगाया गया जनता कर्फ्यू (ताली-थाली बजाने की अपील)
  • 24 मार्च 2020 – 21 दिने के लॉकडाउन का ऐलान
  • 5 अप्रैल 2020 – दीए जलाने की अपील
  • 14 अप्रैल 2020 – लॉकडाउन 3 मई तक के लिए बढ़ाया गया
  • 29 अप्रैल 2020 – मौतों का आंकड़ा एक हजार के पार पहुंचा
  • 1 मई 2020 – श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों की शुरुआत
  • 4 मई 2020 – लॉकडॉउन 17 मई तक के लिए बढ़ाया
  • 7 मई 2020 – मिशन वंद भारत शुरू
  • 17 मई 2020 – लॉकडॉउन 31 मई तक बढ़ाया
  • 1 जून 2020 – भारत दुनिया का सर्वाधिक संक्रमित देश बना
  • 8 जून 2020 – देश अनलॉक होना शुरू हुआ
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