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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार भारतीय वायुसेना को प्रभावी और मजबूत बनाने जा रही है। आज (बुधवार, 31 मार्च) देर रात करीब 10.30 बजे तीन और राफेल गुजरात के जामनगर में लैंड करेंगे। ये सभी फ्रांस से उड़कर भारत पहुंचेंगे। फ्रांस से रवाना होने के बाद UAE द्वारा एयर-टू-एयर, री-फ्यूलींग करने में मदद की जाएगी।
इसके साथ ही भारतीय वायु सेना के पास राफेल फाइटर जेट की संख्या 14 हो जाएगी। बता दें कि पहले भी भारत में 11 राफेल फ्रांस से आ चुके हैं। न्यूज एजेंसी सुत्रों के मुताबिक अप्रैल के दूसरे हफ्ते में 7 और राफेल भारत आने की संभावना है। बता दें कि राफेल के अलावा इसका ट्रेनर वर्जन भी भारत आएगा।
अंबाला में तैनात होंगे तीनों लड़ाकू विमान
जानकारी मिली है कि बुधवार को पहुंचने वाले तीनों राफेल विमानों को अंबाला में तैनात किया जाएगा। इससे पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के खिलाफ तेजी से एक्शन लिया जा सकेगा। रोचक बात यह भी है कि अंबाला एयरबेस चीन सीमा से 200 किमी की ही दुरी पर स्थित है। इससे चीनी सीमा पर नजर रखने में मदद मिलेगी।
कब कितने राफेल आए
5 राफेल जेट 29 जुलाई 2020
3 राफेल जेट 4 नवंबर 2020 को मिले थे।
3 राफेल जेट 27 जनवरी 2021
3 राफेल जेट 30 मार्च 2021 (आज रात 10.30 बजे पहुंचेंगे)
जानकारी अनुसार भारत ने फ्रांस के साथ 58 हजार करोड़ में 36 राफेल लड़ाकू विमान की डील 2016 में की थी। इनमें 30 लड़ाकू विमान जेट के साथ 6 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट शामिल हैं। ट्रेनर जेट्स को भी राफेल लड़ाकू विमान जैसे फीचर मौजूद हैं, इसमें भी टू सीटर रहेंगे।
राफेल की खासियत
- राफेल डीएच (टू-सीटर) और राफेल ईएच (सिंगल सीटर), दोनों ही ट्विन इंजन, डेल्टा-विंग, सेमी स्टील्थ कैपेबिलिटीज के साथ चौथी जनरेशन का फाइटर है।
- ये न सिर्फ फुर्तीला है, बल्कि इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है।
- इस फाइटर जेट को रडार क्रॉस-सेक्शन और इन्फ्रा-रेड सिग्नेचर के साथ डिजाइन किया गया है। इसमें ग्लास कॉकपिट है।
- इसमें एक कम्प्यूटर सिस्टम भी है, जो पायलट को कमांड और कंट्रोल करने में मदद करता है।
- इसमें ताकतवर एम 88 इंजन लगा हुआ है। राफेल में एक एडवांस्ड एवियोनिक्स सूट भी है।
- इसमें लगा रडार, इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन सिस्टम और सेल्फ प्रोटेक्शन इक्विपमेंट की लागत पूरे विमान की कुल कीमत का 30% है।
- इस जेट में आरबीई 2 एए एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार लगा है, जो लो-ऑब्जर्वेशन टारगेट को पहचानने में मदद करता है।
- राफेल सिंथेटिक अपरचर रडार (SAR) भी है, जो आसानी से जाम नहीं हो सकता। जबकि, इसमें लगा स्पेक्ट्रा लंबी दूरी के टारगेट को भी पहचान सकता है।
- किसी भी खतरे की आशंका की स्थिति में इसमें लगा रडार वॉर्निंग रिसीवर, लेजर वॉर्निंग और मिसाइल एप्रोच वॉर्निंग अलर्ट हो जाता है और रडार को जाम करने से बचाता है।
- राफेल का रडार सिस्टम 100 किमी के दायरे में भी टारगेट को डिटेक्ट कर लेता है।
- राफेल में आधुनिक हथियार भी हैं। जैसे- इसमें 125 राउंड के साथ 30 एमएम की कैनन है। ये एक बार में साढ़े 9 हजार किलो का सामान ले जा सकता है।
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