उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली-2021 में व्यवस्था की गई है कि कूड़ा निकासी की जगह पर अलग-अलग कूड़ेदान में रखे जाएंगे। उठान करने वाली एजेंसी के लोगों को कूड़ा अलग-अलग ही देना होगा।
यूपी में जानबूझकर गंदगी फैलाने वालों पर नगर निगम और अन्य शहरी निकाय कार्रवाई करेगा। ऐसे लोगों को 500 से लेकर 3000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, लोगों को घरों से कूड़ा उठवाने की तय फीस देनी होगी। बड़े प्रतिष्ठानों को कूड़ा निस्तारण का लाइसेंस लेना होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली-2021 को मंजूरी दे दी गई। शहरी निकायों को यह नियमावली अपने बोर्ड से पास करवानी होगी। इसके बाद यह अमल में आ जाएगी। नगर विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक शहरी निकायों में रोजाना करीब 14,468 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। मानक के मुताबिक, कूड़ा निस्तारित न होने की वजह से शहरों में गंदगी फैलती है। प्रदूषण से लोग बीमार हो रहे हैं। पर्यावरण पर भी इसका विपरीत असर देखा जा रहा है।
सॉलिड वेस्ट का प्रबंधन करने के लिए सरकार ने यूं तो 2016 में ही ऐक्ट बना दिया था, लेकिन नियमावली न होने के कारण इसको प्रभावी तौर पर लागू नहीं किया जा सका था। नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद अब शहरी निकाय कूड़ा फैलाने वालों से जुर्माना वसूल सकेंगे।
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