Farmers Protest At Greno Authority Noida – नोएडा: हाथों में तिरंगा लिए किसानों ने ग्रेनो प्राधिकरण पर चार घंटे किया हंगामा - NOFAA

Farmers Protest At Greno Authority Noida – नोएडा: हाथों में तिरंगा लिए किसानों ने ग्रेनो प्राधिकरण पर चार घंटे किया हंगामा

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर झंडा यात्रा निकालते किसान
– फोटो : अमर उजाला

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नए जमीन अधिग्रहण कानून के अनुसार मुआवजा और आबादी भूखंड की मांग करते हुए दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) प्रोजेक्ट को जमीन देने वाले किसानों ने बृहस्पतिवार को ग्रेनो प्राधिकरण पर जमकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों में महिलाओं की तादाद भी अच्छी खासी थी। तिरंगा हाथों में लेकर ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर किसान प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे। गेट पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रही।

सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक हंगामा जारी रहा। प्राधिकरण, पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के साथ वार्ता हुई। जिसमें एक माह में मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद किसान मान गए और धरना समाप्त कर लौट गए। 

बृहस्पतिवार सुबह करीब 11 बजे चिटहेरा, पल्ला, बोड़ाकी, दतावली, कठहेरा समेत कई अन्य गांवों से ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार होकर किसान जुलूस के रूप में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पर पहुंचे। किसान 109 फीट लंबे तिरंगे को लेकर पैदल यात्रा निकालकर पहुंचे। किसान प्राधिकरण के मेन गेट के सामने ही धरने पर बैठ गए। मौके पर जमकर नारेबाजी शुरू हो गई।

किसानों का नेतृत्व कर रहे जय जवान जय किसान मोर्चा के संयोजक सुनील फौजी ने कहा कि नए जमीन अधिग्रहण कानून के तहत बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20 फीसदी भूखंड, प्रभावित किसान परिवार के युवाओं को नौकरी और गांवों का विकास समेत सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। 

लंबे समय से आंदोलन के बाद मांगों को लेकर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से भी वार्ता हुई थी। लेकिन दो सप्ताह बाद भी मांग पूरी नहीं हुई। जिसके चलते किसानों ने घेराव करना पड़ा। नए जमीन अधिग्रहण कानून में बैनामा के माध्यम से जमीन लेने के बाद भी उनको सुविधाएं देने का प्रावधान है। जिसको प्रशासन और प्राधिकरण मानने के लिए तैयार नहीं हैं।

किसानों के धरना स्थल पर प्राधिकरण के ओएसडी सचिन कुमार ने पहुंचकर वार्ता की। किसान मांगों को पूरा कराने की जिद पर अड़े रहे। डीसीपी विशाल पांडेय और एसीपी पीपी सिंह ने पुलिस कमिश्नर से बात करके मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का आश्वासन दिया, जिस पर किसान संतुष्ट हो गए और धरना खत्म करने का एलान कर दिया। 

किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर एक माह के अंदर मुख्यमंत्री से वार्ता कराकर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण रोका जाएगा। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं, ट्रैक्टर पर सवार होकर बड़ा तिरंगा लेकर प्राधिकरण दफ्तर पर पहुंचे।

किसानों के घेराव को देखते हुए प्राधिकरण के दोनों गेटों पर छह थानों की पुलिस और आरपीएफ को तैनात किया गया था। प्राधिकरण से 100 मीटर पहले ही जेसीबी और ट्रक खड़ा कर सड़क बंद कर दी गई थी। सुरक्षा के लिए तीन स्तरीय बैरिकेडिंग की गई थी। वहीं पल्ला, बोड़ाकी गांवों में डीएमआईसी की साइट पर भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। महिलाओं की संख्या के मद्देनजर महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई थी। 

– प्राधिकरण के अधिकारियों और किसानों के बीच वार्ता हुई है। वार्ता में कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है। जबकि कुछ बिंदुओं पर विचार-विमर्श के लिए समय मांगा गया है। इसके बाद किसानों का धरना समाप्त हो गया है। – हरीश चंदर, डीसीपी सेंट्रल जोन

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नए जमीन अधिग्रहण कानून के अनुसार मुआवजा और आबादी भूखंड की मांग करते हुए दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) प्रोजेक्ट को जमीन देने वाले किसानों ने बृहस्पतिवार को ग्रेनो प्राधिकरण पर जमकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों में महिलाओं की तादाद भी अच्छी खासी थी। तिरंगा हाथों में लेकर ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर किसान प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे। गेट पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रही।

सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक हंगामा जारी रहा। प्राधिकरण, पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के साथ वार्ता हुई। जिसमें एक माह में मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद किसान मान गए और धरना समाप्त कर लौट गए। 

बृहस्पतिवार सुबह करीब 11 बजे चिटहेरा, पल्ला, बोड़ाकी, दतावली, कठहेरा समेत कई अन्य गांवों से ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार होकर किसान जुलूस के रूप में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पर पहुंचे। किसान 109 फीट लंबे तिरंगे को लेकर पैदल यात्रा निकालकर पहुंचे। किसान प्राधिकरण के मेन गेट के सामने ही धरने पर बैठ गए। मौके पर जमकर नारेबाजी शुरू हो गई।

किसानों का नेतृत्व कर रहे जय जवान जय किसान मोर्चा के संयोजक सुनील फौजी ने कहा कि नए जमीन अधिग्रहण कानून के तहत बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20 फीसदी भूखंड, प्रभावित किसान परिवार के युवाओं को नौकरी और गांवों का विकास समेत सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। 

लंबे समय से आंदोलन के बाद मांगों को लेकर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से भी वार्ता हुई थी। लेकिन दो सप्ताह बाद भी मांग पूरी नहीं हुई। जिसके चलते किसानों ने घेराव करना पड़ा। नए जमीन अधिग्रहण कानून में बैनामा के माध्यम से जमीन लेने के बाद भी उनको सुविधाएं देने का प्रावधान है। जिसको प्रशासन और प्राधिकरण मानने के लिए तैयार नहीं हैं।

किसानों के धरना स्थल पर प्राधिकरण के ओएसडी सचिन कुमार ने पहुंचकर वार्ता की। किसान मांगों को पूरा कराने की जिद पर अड़े रहे। डीसीपी विशाल पांडेय और एसीपी पीपी सिंह ने पुलिस कमिश्नर से बात करके मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का आश्वासन दिया, जिस पर किसान संतुष्ट हो गए और धरना खत्म करने का एलान कर दिया। 

किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर एक माह के अंदर मुख्यमंत्री से वार्ता कराकर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण रोका जाएगा। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं, ट्रैक्टर पर सवार होकर बड़ा तिरंगा लेकर प्राधिकरण दफ्तर पर पहुंचे।


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