The Cost Of The Project Increased By Rs 6.77 Crore – देरी से 6.77 करोड़ रुपये बढ़ी परियोजना की लागत - NOFAA

The Cost Of The Project Increased By Rs 6.77 Crore – देरी से 6.77 करोड़ रुपये बढ़ी परियोजना की लागत

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नोएडा। सेक्टर-71 चौराहे पर अंडरपास बनाने की योजना में लगातार देरी हो रही है। इससे परियोजना की लागत 6.77 करोड़ रुपये तक बढ़ गई है। पहले 52.58 करोड़ रुपये अनुमानित लागत थी, जो अब बढ़कर 59.35 करोड़ रुपये हो गई है। बजट बढ़ने के बाद अब एक बार फिर काम ने रफ्तार पकड़ ली है, लेकिन मई से पहले सफर आसान होने की उम्मीद नहीं है।
नोएडा को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अलावा एनएच-9 के रास्ते गाजियाबाद से जोड़ने वाले सेक्टर-71 चौराहे पर जाम की समस्या को दूर करने के लिए जुलाई 2019 में 780 मीटर लंबा अंडरपास बनाने का काम शुरू हुआ था। परियोजना को 12 महीने में तैयार होना था, लेकिन 20 महीने बाद भी अधूरी है। शुरुआत में लॉकडाउन की वजह से काम बंद रहा। इसके बाद परियोजना में देरी और अंडरपास में कई अन्य प्रावधान होने से बजट बढ़ने से काम बंद हो गया।
हालांकि, बजट की अड़चन अब दूर हो गई है। इसके अलावा अंडरपास के रैंप के बीच मेट्रो का पिलर आने के कारण काम प्रभावित है। अधिकारियों का कहना है कि सभी बाधाएं दूर हो गई हैं। काम तेजी से किया जा रहा है। 24 नवंबर को समीक्षा बैठक में परियोजना को दिसंबर 2020 तक पूरा करने का दावा किया गया था। इसके बाद डेडलाइन मार्च 2021 तय की गई। अब मई तक काम पूरा होने की बात कही जा रही है। अंडरपास के दोनों ओर रैंप बनाने का काम किया जा रहा है। साइड की दीवारें भी बनाई जा रही हैं। पर्थला की ओर बनी रैंप के बीच दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन कॉरिडोर का पिलर आ रहा है। इसके लिए रेलवे सेफ्टी की क्लीयरेंस का भी इंतजार है।

नोएडा। सेक्टर-71 चौराहे पर अंडरपास बनाने की योजना में लगातार देरी हो रही है। इससे परियोजना की लागत 6.77 करोड़ रुपये तक बढ़ गई है। पहले 52.58 करोड़ रुपये अनुमानित लागत थी, जो अब बढ़कर 59.35 करोड़ रुपये हो गई है। बजट बढ़ने के बाद अब एक बार फिर काम ने रफ्तार पकड़ ली है, लेकिन मई से पहले सफर आसान होने की उम्मीद नहीं है।

नोएडा को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अलावा एनएच-9 के रास्ते गाजियाबाद से जोड़ने वाले सेक्टर-71 चौराहे पर जाम की समस्या को दूर करने के लिए जुलाई 2019 में 780 मीटर लंबा अंडरपास बनाने का काम शुरू हुआ था। परियोजना को 12 महीने में तैयार होना था, लेकिन 20 महीने बाद भी अधूरी है। शुरुआत में लॉकडाउन की वजह से काम बंद रहा। इसके बाद परियोजना में देरी और अंडरपास में कई अन्य प्रावधान होने से बजट बढ़ने से काम बंद हो गया।

हालांकि, बजट की अड़चन अब दूर हो गई है। इसके अलावा अंडरपास के रैंप के बीच मेट्रो का पिलर आने के कारण काम प्रभावित है। अधिकारियों का कहना है कि सभी बाधाएं दूर हो गई हैं। काम तेजी से किया जा रहा है। 24 नवंबर को समीक्षा बैठक में परियोजना को दिसंबर 2020 तक पूरा करने का दावा किया गया था। इसके बाद डेडलाइन मार्च 2021 तय की गई। अब मई तक काम पूरा होने की बात कही जा रही है। अंडरपास के दोनों ओर रैंप बनाने का काम किया जा रहा है। साइड की दीवारें भी बनाई जा रही हैं। पर्थला की ओर बनी रैंप के बीच दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन कॉरिडोर का पिलर आ रहा है। इसके लिए रेलवे सेफ्टी की क्लीयरेंस का भी इंतजार है।

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