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नोएडा। कोरोना की दूसरी लहर का खतरा बढ़ रहा है। इस कारण स्वास्थ्य विभाग अपनी रणनीति में बदलाव कर महामारी पर लगाम लगाने के प्रयासों में जुटा है। हालांकि, यह राह आसान नहीं है। विभाग के लिए अन्य राज्यों से आए लोगों पर नजर रखना टेढ़ी खीर बन चुका है। अन्य जिलों के रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट से मदद मांगने के बाद भी दूसरे राज्यों से आए लोगों का हिसाब रखना मुश्किल हो गया तो विभाग ने अब आशा औन एएनएम का सहयोग से दस्तक अभियान शुरू किया है।
दूसरे राज्यों से आए लोगों के कारण जिले में संक्रमण नहीं फैले, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने गाजियाबाद रेलवे स्टेशन, दिल्ली एयरपोर्ट, बस अड्डा आदि से संपर्क कर यात्रियों की जानकारी मांगी थी। बाहरी राज्यों से जिले में आने वाले लोग गाजियाबाद एवं दिल्ली के रास्ते ही नोएडा पहुंचते हैं, लेकिन यहां से कुछ खास जानकारी विभाग को नहीं मिल सकी है।
राज्य सरकार द्वारा बनाई गई 800 निगरानी समितियों से मिली रिपोर्ट एवं अन्य सूचनाओं के आधार पर जिले में 152 देशों से आए नागरिकों को क्वारंटीन किया गया है, लेकिन कोई क्वारंटीन होने से बच न जाए। इसके लिए अब विभाग नई रणनीति बना रहा है। दस्तक अभियान के तहत आशा या एएनएम कार्यकर्ता जब लोगों के घरों में बीमारियों के प्रति जागरूकता पहुंचाने जाएंगी, तो वह उनके यहां आए मेहमानों, विदेश से आए लोगों की जानकारी भी एकत्र करेंगी। इससे संभावित संक्रमितों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। साथ ही विभाग ने हर दिन 1600-1700 आरटीपीसीआर भी करने की बात कही है।
कोरोना के खतरे को देखते हुए सर्विलांस का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। जिले में एक लाख से अधिक ऐसे लोगों पर स्वास्थ्य विभाग की नजर है। जिले में कोरोना की शुरुआत के साथ ही सर्विलांस प्रक्रिया शुरू हो गई थी। आज तक 5,44,991 लोगों को सर्विलांस पर लिया जा चुका है। फिलहाल इनमें से 4,02,484 लोगों पर सर्विलांस नहीं है। जबकि, 1,42,507 लोगों पर स्वास्थ्य विभाग की कड़ी नजर है। इनमें दूसरे जिले, प्रदेश या देशों से आए और संक्रमितों के संपर्क में आए लोग शामिल हैं।
नोएडा। कोरोना की दूसरी लहर का खतरा बढ़ रहा है। इस कारण स्वास्थ्य विभाग अपनी रणनीति में बदलाव कर महामारी पर लगाम लगाने के प्रयासों में जुटा है। हालांकि, यह राह आसान नहीं है। विभाग के लिए अन्य राज्यों से आए लोगों पर नजर रखना टेढ़ी खीर बन चुका है। अन्य जिलों के रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट से मदद मांगने के बाद भी दूसरे राज्यों से आए लोगों का हिसाब रखना मुश्किल हो गया तो विभाग ने अब आशा औन एएनएम का सहयोग से दस्तक अभियान शुरू किया है।
दूसरे राज्यों से आए लोगों के कारण जिले में संक्रमण नहीं फैले, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने गाजियाबाद रेलवे स्टेशन, दिल्ली एयरपोर्ट, बस अड्डा आदि से संपर्क कर यात्रियों की जानकारी मांगी थी। बाहरी राज्यों से जिले में आने वाले लोग गाजियाबाद एवं दिल्ली के रास्ते ही नोएडा पहुंचते हैं, लेकिन यहां से कुछ खास जानकारी विभाग को नहीं मिल सकी है।
राज्य सरकार द्वारा बनाई गई 800 निगरानी समितियों से मिली रिपोर्ट एवं अन्य सूचनाओं के आधार पर जिले में 152 देशों से आए नागरिकों को क्वारंटीन किया गया है, लेकिन कोई क्वारंटीन होने से बच न जाए। इसके लिए अब विभाग नई रणनीति बना रहा है। दस्तक अभियान के तहत आशा या एएनएम कार्यकर्ता जब लोगों के घरों में बीमारियों के प्रति जागरूकता पहुंचाने जाएंगी, तो वह उनके यहां आए मेहमानों, विदेश से आए लोगों की जानकारी भी एकत्र करेंगी। इससे संभावित संक्रमितों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। साथ ही विभाग ने हर दिन 1600-1700 आरटीपीसीआर भी करने की बात कही है।
कोरोना के खतरे को देखते हुए सर्विलांस का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। जिले में एक लाख से अधिक ऐसे लोगों पर स्वास्थ्य विभाग की नजर है। जिले में कोरोना की शुरुआत के साथ ही सर्विलांस प्रक्रिया शुरू हो गई थी। आज तक 5,44,991 लोगों को सर्विलांस पर लिया जा चुका है। फिलहाल इनमें से 4,02,484 लोगों पर सर्विलांस नहीं है। जबकि, 1,42,507 लोगों पर स्वास्थ्य विभाग की कड़ी नजर है। इनमें दूसरे जिले, प्रदेश या देशों से आए और संक्रमितों के संपर्क में आए लोग शामिल हैं।
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