Due To Lack Of Treatment And Ambulance, He Succumbed To His Son’s Hands – इलाज और एंबुलेंस के अभाव में बेटे के हाथों में तड़पकर तोड़ दिया दम - NOFAA

Due To Lack Of Treatment And Ambulance, He Succumbed To His Son’s Hands – इलाज और एंबुलेंस के अभाव में बेटे के हाथों में तड़पकर तोड़ दिया दम

[ad_1]

ख़बर सुनें

नोएडा। कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य सेवाओं ने दम तोड़ना शुरू कर दिया है। जिला अस्पताल में लोगों को इलाज मिलना तो दूर कोई मरीजों को अस्पताल के अंदर तक पहुंचाने वाला नहीं है। वहीं, दूसरे अस्पताल जाना हो तो एंबुलेंस भी नहीं मिलेगी। रविवार को ऐसी ही एक घटना ने जिला अस्पताल में मौजूद लोगों को झकझोर कर रख दिया। एक बुुजुर्ग मरीज ने इलाज एवं एंबुलेंस के अभाव में स्ट्रेचर पर तड़पकर बेटे के हाथों में दम तोड़ दिया। अस्पताल में आने के दौरान वह खुद निजी एंबुलेंस उतरकर स्ट्रेचर पर लेटे थे। एक घंटे तक वह स्ट्रेचर पर तड़पते रहे। वहीं बेटा मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन कोई नहीं पहुंचा।
गौड़ सिटी निवासी नियाजुद्दीन को सांस लेने में दिक्कत होने पर बेटा गुलाम कुतुबुद्दीन एक दोस्त के साथ रविवार दोपहर करीब 11:30 बजे निजी एंबुलेंस से जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। यहां पहुुंचने पर नियाजुद्दीन एंबुलेंस से उतरकर स्वयं स्ट्रेचर पर लेट गए। बेटे गुलाम ने बताया कि वह दोस्त के साथ पिता को इमरजेंसी में ले जाने लगा, लेकिन रास्ते में बैरिकेड रखी थी। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने बैरिकेड हटाने के बजाए स्ट्रेचर को घुमाकर लाने का इशारा किया। इसके बाद गुलाम स्ट्रेचर को दूसरी ओर से इमरजेंसी में लेकर गया। वहां नियाजुद्दीन की रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि वह संक्रमित नहीं हैं।
इमरजेंसी में कुछ देर ऑक्सीजन देने के बाद डाक्टरों ने घर ले जाने का फरमान सुना दिया, लेकिन पिता की हालत को देखते हुए गुलाम ने निजी अस्पताल ले जाने की सोची। गुलाम ने डॉक्टरों से एंबुलेंस मुहैया कराने की गुहार लगाई, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि संक्रमित मरीज को सेक्टर-39 तक ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल रही, तुम्हारे लिए कैसे व्यवस्था करें। डॉक्टरों की बात सुनने के बाद गुलाम स्ट्रेचर पर लेटे पिता को बाहर ले गया। इस दौरान नियाजुद्दीन बार-बार बेटे से दम घुटने और सांस नहीं आने की गुहार लगाते रहे, लेकिन बेबस गुलाम कुछ नहीं कर पा रहा था। आखिर में अस्पताल परिसर में ही नियाजुद्दीन ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। मामले की जानकारी होने पर एक डॉक्टर बाहर आया और बोला एंबुलेंस आने तक वह स्ट्रेचर को अंदर ले आए।

नोएडा। कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य सेवाओं ने दम तोड़ना शुरू कर दिया है। जिला अस्पताल में लोगों को इलाज मिलना तो दूर कोई मरीजों को अस्पताल के अंदर तक पहुंचाने वाला नहीं है। वहीं, दूसरे अस्पताल जाना हो तो एंबुलेंस भी नहीं मिलेगी। रविवार को ऐसी ही एक घटना ने जिला अस्पताल में मौजूद लोगों को झकझोर कर रख दिया। एक बुुजुर्ग मरीज ने इलाज एवं एंबुलेंस के अभाव में स्ट्रेचर पर तड़पकर बेटे के हाथों में दम तोड़ दिया। अस्पताल में आने के दौरान वह खुद निजी एंबुलेंस उतरकर स्ट्रेचर पर लेटे थे। एक घंटे तक वह स्ट्रेचर पर तड़पते रहे। वहीं बेटा मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन कोई नहीं पहुंचा।

गौड़ सिटी निवासी नियाजुद्दीन को सांस लेने में दिक्कत होने पर बेटा गुलाम कुतुबुद्दीन एक दोस्त के साथ रविवार दोपहर करीब 11:30 बजे निजी एंबुलेंस से जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। यहां पहुुंचने पर नियाजुद्दीन एंबुलेंस से उतरकर स्वयं स्ट्रेचर पर लेट गए। बेटे गुलाम ने बताया कि वह दोस्त के साथ पिता को इमरजेंसी में ले जाने लगा, लेकिन रास्ते में बैरिकेड रखी थी। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने बैरिकेड हटाने के बजाए स्ट्रेचर को घुमाकर लाने का इशारा किया। इसके बाद गुलाम स्ट्रेचर को दूसरी ओर से इमरजेंसी में लेकर गया। वहां नियाजुद्दीन की रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि वह संक्रमित नहीं हैं।

इमरजेंसी में कुछ देर ऑक्सीजन देने के बाद डाक्टरों ने घर ले जाने का फरमान सुना दिया, लेकिन पिता की हालत को देखते हुए गुलाम ने निजी अस्पताल ले जाने की सोची। गुलाम ने डॉक्टरों से एंबुलेंस मुहैया कराने की गुहार लगाई, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि संक्रमित मरीज को सेक्टर-39 तक ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल रही, तुम्हारे लिए कैसे व्यवस्था करें। डॉक्टरों की बात सुनने के बाद गुलाम स्ट्रेचर पर लेटे पिता को बाहर ले गया। इस दौरान नियाजुद्दीन बार-बार बेटे से दम घुटने और सांस नहीं आने की गुहार लगाते रहे, लेकिन बेबस गुलाम कुछ नहीं कर पा रहा था। आखिर में अस्पताल परिसर में ही नियाजुद्दीन ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। मामले की जानकारी होने पर एक डॉक्टर बाहर आया और बोला एंबुलेंस आने तक वह स्ट्रेचर को अंदर ले आए।

[ad_2]
Source link

Leave a Comment