Mukim Kala Made Grano A Refugee On The Instigation Of A Gangster – मुकीम काला ने गैंगस्टर की शह पर ग्रेनो को बनाया था शरणस्थली - NOFAA

Mukim Kala Made Grano A Refugee On The Instigation Of A Gangster – मुकीम काला ने गैंगस्टर की शह पर ग्रेनो को बनाया था शरणस्थली

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ग्रेटर नोएडा। चित्रकूट की हाई सिक्योरिटी सुविधाओं से लैस रगौली जेल में गैंगवार में मारे गए वेस्ट यूपी के गैंगस्टर मुकीम ताला के तार गौतमबुद्ध नगर से भी जुड़े थे। गैंगस्टर अनिल दुजाना और रणदीप भाटी से निकटता और शामली में पुलिस के दबाव के कारण मुकीम ने ग्रेनो को शरणस्थली बना लिया था। मुकीम खुद रिठौरी गांव व अन्य स्थान पर रहा था। शामली में एसपी डॉ. अजयपाल की तैनाती के दौरान मुकीम काला जिला छोड़ने पर विवश हुआ था। आईपीएस अजयपाल की गौतमबुद्ध नगर में भी एसएसपी रहे हैं। इसके बाद मुकीम ने ग्रेटर नोएडा को अपनी शरणस्थली बना लिया था। पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2015 में मुकीम काला की लोकेशन ग्रेनो में मिलने पर मेरठ और नोएडा एसटीएफ ने घेराबंदी शुरू की। इसकी भनक लगने पर आरोपी दिल्ली की ओर भागने लगा, लेकिन एसटीएफ ने तत्परता दिखाते हुए मयूर विहार के पास से मुकीम काला व उसके एक साथी साबिर को गिरफ्तार कर लिया था। मुकीम कैराना पलायन का जिम्मेदार माना जाता है। मुकीम की निशानदेही पर उस दौरान एसटीएफ ने कैराना से एके-47 व दो पिस्टल बरामद की थीं। उस दौरान पुलिस को पूछताछ में मुकीम ने बताया था कि उसने अनिल दुजाना से डेढ़ लाख रुपये में एके-47 और दिल्ली से पिस्टल खरीदीं थीं।
पांच माह बाद ठगी की रिपोर्ट दर्ज
सेक्टर-20 कोतवाली क्षेत्र के सेक्टर-3 में ऑफिस खोल कर ठगों ने सूरत के ठेकेदार को इलेक्ट्रिक और पाइपलाइन का ठेका दिलाने के नाम पर 1.25 लाख रुपये ठग लिए। कई दिन बाद भी ठेका नहीं मिलने पर पीड़ित नोएडा स्थित ऑफिस पहुंचा तो ठगी का पता चला। पुलिस ने जांच कर पांच महीने बाद रिपोर्ट दर्ज की है। महेंद्र कुमार सिंह गुजरात के शुभ वाटिका डिंडोली में रहते हैं। उनकी शिव शक्ति इंजीनियर वर्क्स के नाम से फर्म है। मई 2020 में उनकी मुलाकात परमजीत सिंह नामक शख्स से हुई थी। वह नोएडा सेक्टर-3 में जीपीसी इंफोटेक सॉल्यूशन के नाम से कंपनी चलाते थे। परमजीत ने उन्हें बिहार के मुजफ्फरपुर में ठेका दिलाने का आश्वासन दिया था। परमजीत ने महेंद्र सिंह से मई 2020 में 25 हजार और जून 2020 में एक लाख रुपये बतौर सिक्योरिटी मनी ले ली। इसके बाद कई बार फोन पर बात हुई, लेकिन ठेका नहीं दिलाया। पीड़ित ने मामले की शिकायत जनवरी 2021 में की थी। पुलिस जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया है।
दो लोगों के खाते से 75 हजार रुपये निकले
कार्ड जेब होने के बावजूद एक व्यक्ति के खाते से 40 हजार रुपये निकल गए। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। पुलिस ने बताया कि संतोष कुमार सिंह सेक्टर-126 स्थित एचसीएल कंपनी में नौकरी करते हैं। पीड़ित ने बताया कि सोमवार को खाते से 40 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया। इसी तरह मैनपुरी निवासी विनीत कुमार सेक्टर-126 स्थित रायपुर खादर में रहते हैं। वे नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। उनके खाते से भी 25 हजार रुपये निकाल लिए गए। पीड़ित ने मामले की शिकायत की है।

ग्रेटर नोएडा। चित्रकूट की हाई सिक्योरिटी सुविधाओं से लैस रगौली जेल में गैंगवार में मारे गए वेस्ट यूपी के गैंगस्टर मुकीम ताला के तार गौतमबुद्ध नगर से भी जुड़े थे। गैंगस्टर अनिल दुजाना और रणदीप भाटी से निकटता और शामली में पुलिस के दबाव के कारण मुकीम ने ग्रेनो को शरणस्थली बना लिया था। मुकीम खुद रिठौरी गांव व अन्य स्थान पर रहा था। शामली में एसपी डॉ. अजयपाल की तैनाती के दौरान मुकीम काला जिला छोड़ने पर विवश हुआ था। आईपीएस अजयपाल की गौतमबुद्ध नगर में भी एसएसपी रहे हैं। इसके बाद मुकीम ने ग्रेटर नोएडा को अपनी शरणस्थली बना लिया था। पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2015 में मुकीम काला की लोकेशन ग्रेनो में मिलने पर मेरठ और नोएडा एसटीएफ ने घेराबंदी शुरू की। इसकी भनक लगने पर आरोपी दिल्ली की ओर भागने लगा, लेकिन एसटीएफ ने तत्परता दिखाते हुए मयूर विहार के पास से मुकीम काला व उसके एक साथी साबिर को गिरफ्तार कर लिया था। मुकीम कैराना पलायन का जिम्मेदार माना जाता है। मुकीम की निशानदेही पर उस दौरान एसटीएफ ने कैराना से एके-47 व दो पिस्टल बरामद की थीं। उस दौरान पुलिस को पूछताछ में मुकीम ने बताया था कि उसने अनिल दुजाना से डेढ़ लाख रुपये में एके-47 और दिल्ली से पिस्टल खरीदीं थीं।

पांच माह बाद ठगी की रिपोर्ट दर्ज

सेक्टर-20 कोतवाली क्षेत्र के सेक्टर-3 में ऑफिस खोल कर ठगों ने सूरत के ठेकेदार को इलेक्ट्रिक और पाइपलाइन का ठेका दिलाने के नाम पर 1.25 लाख रुपये ठग लिए। कई दिन बाद भी ठेका नहीं मिलने पर पीड़ित नोएडा स्थित ऑफिस पहुंचा तो ठगी का पता चला। पुलिस ने जांच कर पांच महीने बाद रिपोर्ट दर्ज की है। महेंद्र कुमार सिंह गुजरात के शुभ वाटिका डिंडोली में रहते हैं। उनकी शिव शक्ति इंजीनियर वर्क्स के नाम से फर्म है। मई 2020 में उनकी मुलाकात परमजीत सिंह नामक शख्स से हुई थी। वह नोएडा सेक्टर-3 में जीपीसी इंफोटेक सॉल्यूशन के नाम से कंपनी चलाते थे। परमजीत ने उन्हें बिहार के मुजफ्फरपुर में ठेका दिलाने का आश्वासन दिया था। परमजीत ने महेंद्र सिंह से मई 2020 में 25 हजार और जून 2020 में एक लाख रुपये बतौर सिक्योरिटी मनी ले ली। इसके बाद कई बार फोन पर बात हुई, लेकिन ठेका नहीं दिलाया। पीड़ित ने मामले की शिकायत जनवरी 2021 में की थी। पुलिस जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया है।

दो लोगों के खाते से 75 हजार रुपये निकले

कार्ड जेब होने के बावजूद एक व्यक्ति के खाते से 40 हजार रुपये निकल गए। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। पुलिस ने बताया कि संतोष कुमार सिंह सेक्टर-126 स्थित एचसीएल कंपनी में नौकरी करते हैं। पीड़ित ने बताया कि सोमवार को खाते से 40 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया। इसी तरह मैनपुरी निवासी विनीत कुमार सेक्टर-126 स्थित रायपुर खादर में रहते हैं। वे नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। उनके खाते से भी 25 हजार रुपये निकाल लिए गए। पीड़ित ने मामले की शिकायत की है।

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