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नोएडा। सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को आवास खाली करने का नोटिस मिला है। यह नोटिस चाइल्ड पीजीआई प्रबंधन की ओर से दिया गया है। स्वास्थ्य कर्मियों को आवास खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। नोटिस जारी करने का कारण किराए और मेंटेनेंस का भुगतान नहीं होना बताया गया है।
गौरतलब है कि जिला अस्पताल और चाइल्ड पीजीआई एक ही परिसर में स्थित हैं। यहां इनके स्टाफ के लिए एक आवासीय बिल्डिंग भी है। यह पूरा परिसर आधिकारिक रूप से चाइल्ड पीजीआई के अधीन है। इस कारण परिसर संबंधी निर्णय चाइल्ड पीजीआई प्रबंधन द्वारा लिए जाते हैं। करीब 60 संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को परिसर स्थित टावर नंबर-8 में आवास मिले हुए हैं। यहां पिछले एक वर्ष से ये स्वास्थ्य कर्मी रह रहे हैं। चाइल्ड पीजीआई प्रबंधन के अनुसार इन स्वास्थ्यकर्मियों ने करीब एक वर्ष से रहने के लिए जरूरी किराए व मेंटेनेंस का भुगतान नहीं किया है। स्वास्थ्यकर्मियों पर करीब 1.73 लाख रुपये बकाया हैं। वहीं स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि वे लगातार कोरोना ड्यूटी में कार्यरत रहे हैं। संदिग्धों के साथ संक्रमितों का भी इलाज कर रहे हैं। ऐसे वक्त में उनसे आवास खाली कराने का फैसला गलत है। नोटिस के बाद से स्वास्थ्यकर्मियों में रोष है। उनका कहना है कि फिलहाल वे घर खाली करने की स्थिति में नहीं हैं।
नोएडा। सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को आवास खाली करने का नोटिस मिला है। यह नोटिस चाइल्ड पीजीआई प्रबंधन की ओर से दिया गया है। स्वास्थ्य कर्मियों को आवास खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। नोटिस जारी करने का कारण किराए और मेंटेनेंस का भुगतान नहीं होना बताया गया है।
गौरतलब है कि जिला अस्पताल और चाइल्ड पीजीआई एक ही परिसर में स्थित हैं। यहां इनके स्टाफ के लिए एक आवासीय बिल्डिंग भी है। यह पूरा परिसर आधिकारिक रूप से चाइल्ड पीजीआई के अधीन है। इस कारण परिसर संबंधी निर्णय चाइल्ड पीजीआई प्रबंधन द्वारा लिए जाते हैं। करीब 60 संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को परिसर स्थित टावर नंबर-8 में आवास मिले हुए हैं। यहां पिछले एक वर्ष से ये स्वास्थ्य कर्मी रह रहे हैं। चाइल्ड पीजीआई प्रबंधन के अनुसार इन स्वास्थ्यकर्मियों ने करीब एक वर्ष से रहने के लिए जरूरी किराए व मेंटेनेंस का भुगतान नहीं किया है। स्वास्थ्यकर्मियों पर करीब 1.73 लाख रुपये बकाया हैं। वहीं स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि वे लगातार कोरोना ड्यूटी में कार्यरत रहे हैं। संदिग्धों के साथ संक्रमितों का भी इलाज कर रहे हैं। ऐसे वक्त में उनसे आवास खाली कराने का फैसला गलत है। नोटिस के बाद से स्वास्थ्यकर्मियों में रोष है। उनका कहना है कि फिलहाल वे घर खाली करने की स्थिति में नहीं हैं।
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