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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का ऑडिट करने आई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की टीम वापस चली गई है। कोरोना का खतरा बढ़ने पर टीम ने यह फैसला लिया। अब टीम तीन माह बाद वापस आएगी।
दरअसल, योगी सरकार बनने के बाद से ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यीडा का सीएजी ऑडिट हो रहा है। पहले फेज का ऑडिट हो चुका है। दूसरे फेज के लिए अप्रैल के प्रथम सप्ताह में छह सदस्यीय टीम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पहुंची थी। प्राधिकरण दफ्तर में स्थित हाईराइज बिल्डिंग में उसके लिए ऑफिस बनाया गया। टीम ने काम शुरू किया ही था कि कोरोना की दूसरी लहर आफत बनकर आ गई। दो-तीन दिन माहौल देखने के बाद टीम ने मुख्यालय से ऑडिट को फिलहाल रोकने और वापस आने की इजाजत मांगी। अनुमति मिलते ही टीम वापस चली गई। ग्रेनो प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो तीन माह बाद टीम वापस आकर ऑडिट करेगी।
वित्तीय वर्ष 2019-20 का होना है ऑडिट
इससे पहले जब ऑडिट टीम आई थी तब कई फाइलें उसे नहीं मिली थीं। टीम ने इसकी शिकायत शासन से भी की थी। शासन की फटकार के बाद फाइलों की खोजबीन शुरू हुई। उन फाइलों का ऑडिट होना है। इनमें से अधिकतर मामले बिल्डरों और नियोजन विभाग से जुड़े हैं। सीएजी की टीम ग्रेनो वेस्ट में जमीन आवंटन में गड़बड़ी की तह तक जानना चाह रही है। प्राधिकरण ने उन फाइलों को तलाशकर सीएजी को दे दिया है। इसके अलावा टीम वित्तीय वर्ष 2018-19 तक का ऑडिट कर चुकी है। अब 2019-20 का भी ऑडिट करेगी।
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का ऑडिट करने आई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की टीम वापस चली गई है। कोरोना का खतरा बढ़ने पर टीम ने यह फैसला लिया। अब टीम तीन माह बाद वापस आएगी।
दरअसल, योगी सरकार बनने के बाद से ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यीडा का सीएजी ऑडिट हो रहा है। पहले फेज का ऑडिट हो चुका है। दूसरे फेज के लिए अप्रैल के प्रथम सप्ताह में छह सदस्यीय टीम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पहुंची थी। प्राधिकरण दफ्तर में स्थित हाईराइज बिल्डिंग में उसके लिए ऑफिस बनाया गया। टीम ने काम शुरू किया ही था कि कोरोना की दूसरी लहर आफत बनकर आ गई। दो-तीन दिन माहौल देखने के बाद टीम ने मुख्यालय से ऑडिट को फिलहाल रोकने और वापस आने की इजाजत मांगी। अनुमति मिलते ही टीम वापस चली गई। ग्रेनो प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो तीन माह बाद टीम वापस आकर ऑडिट करेगी।
वित्तीय वर्ष 2019-20 का होना है ऑडिट
इससे पहले जब ऑडिट टीम आई थी तब कई फाइलें उसे नहीं मिली थीं। टीम ने इसकी शिकायत शासन से भी की थी। शासन की फटकार के बाद फाइलों की खोजबीन शुरू हुई। उन फाइलों का ऑडिट होना है। इनमें से अधिकतर मामले बिल्डरों और नियोजन विभाग से जुड़े हैं। सीएजी की टीम ग्रेनो वेस्ट में जमीन आवंटन में गड़बड़ी की तह तक जानना चाह रही है। प्राधिकरण ने उन फाइलों को तलाशकर सीएजी को दे दिया है। इसके अलावा टीम वित्तीय वर्ष 2018-19 तक का ऑडिट कर चुकी है। अब 2019-20 का भी ऑडिट करेगी।
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