Supreme Court seeks answers from Center on supply of oxygen and essential medicines | सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति पर केंद्र से जवाब मांगा - NOFAA

Supreme Court seeks answers from Center on supply of oxygen and essential medicines | सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति पर केंद्र से जवाब मांगा

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण की विधि एवं तरीके से लेकर लॉकडाउन घोषित करने के संबंध में जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और एस. रवींद्र भट के साथ प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में स्थिति गंभीर है। कोविंद के मरीजों और इससे जान गंवाने वालों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी जा रही है।

पीठ ने कहा कि दवाओं, ऑक्सीजन एवं टीकाकरण की उपलब्धता और वितरण स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह के अनुसार एक समान तरीके से किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार महामारी के दौरान उपरोक्त सेवाओं और आपूर्ति से निपटने की एक राष्ट्रीय योजना तैयार करेगी।

सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वर्तमान स्थिति राष्ट्रीय आपातकाल की तरह है। देश के कोविड-19 की मौजूदा लहर से जूझने के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर स्थिति का गुरुवार को स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि वह ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं समेत अन्य मुद्दों पर राष्ट्रीय योजना चाहता है। पीठ ने कहा कि वह देश में कोविड-19 टीकाकरण के तौर-तरीके से जुड़े मुद्दे पर भी विचार करेगी।

भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर जानलेवा साबित हो रही है। बीते 24 घंटे में तीन लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी बुरा असर पड़ रहा है। देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई है। दवाओं और ऑक्सीजन की कमी के मामले पर देश की शीर्ष अदालत ने स्वत: संज्ञान लिया है।

बता दें कि इस समय कम से कम छह हाईकोर्ट कोविड प्रबंधन से जुड़े मामलों पर नजर बनाए हुए हैं, जिनमें दिल्ली, बंबई, सिक्किम, मध्य प्रदेश, कलकत्ता और इलाहाबाद हाईकोर्ट शामिल हैं, जो कोविड प्रबंधन से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन अदालतों ने सर्वोत्तम हित में फैसले लिए हैं, लेकिन कुछ आदेश भ्रम पैदा कर रहे हैं। इनके आदेशों की न्यायिक शक्ति की जांच करने की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया है। पीठ इस मामले पर शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रखेगी।

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