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बिसाहङा गांव के नजदीक चादर फैक्ट्री में मजदूर की तबियत खराब होने से मौत होने के बाद हंगामा करते ग?
– फोटो : Grnoida
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जारचा। बिसाहड़ा गांव के नजदीक चादर फैक्ट्री में मजदूर के सीने में दर्द उठा। आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंध ने प्राथमिक उपचार कराए बगैर बिसाहड़ा निवासी मुकेश उर्फ मूला (45) कोे घर भेज दिया। जहां उसकी तबियत और बिगड़ गई। परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसने दम तोड़ दिया। परिजनों और ग्रामीणों ने शव को फैक्ट्री परिसर में रखकर मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग करते हुए हंगामा किया। पुलिस ने समझाबुझाकर उन लोगों को शांत कराया।
पुलिस के अनुसार, जारचा कोतवाली क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव निवासी मुकेश उर्फ मूला (45) पिछले 10 साल से गांव के नजदीक चादर फैक्ट्री में मजदूरी करता था। आरोप है कि रविवार दोपहर 12 बजे के करीब फैक्ट्री में काम करते समय उसकी तबियत बिगड़ गई। फैक्ट्री प्रबंधक ने मुकेश को प्राथमिक चिकित्सा नहीं दिलाई। बल्कि उसे मजदूर साथियों के साथ घर भेज दिया गया। जहां उसकी हालत और बिगड़ गई।
परिजनों ने आनन फानन में दादरी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर उसने दम तोड़ दिया। मुकेश की मौत की सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण फैक्ट्री पहुंच गए। शव को फैक्ट्री परिसर में रखकर जमकर हंगामा करने लगे। ग्रामीण मृतक परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने, बच्चों के भरण पोषण के लिए दस लाख रुपये की आर्थिक मदद की मांग करने लगे। हंगामा की सूचना मिलने पर जारचा पुलिस मौके पर पहुंच गई। जारचा कोतवाली प्रभारी श्रीपाल सिंह ने मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर लोगों को शांत कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि फैक्ट्री में सैंकड़ों लोग काम करते हैं, लेकिन फैक्ट्री में कोई मेडिकल सुविधा नहीं है। पहले भी एक मजबूर की समय से उपचार न होने से मौत हो गई थी।
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