रेरा की 100वीं बैठक में अब तक के प्रयासों एवं 5 साल की उपलब्धियों का किया गया स्मरण - Apartment Times
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रेरा की 100वीं बैठक में अब तक के प्रयासों एवं 5 साल की उपलब्धियों का किया गया स्मरण

100th RERA-meeting
100th RERA-meeting
Apartment Times
Written by Roja Yadav

नोएडा: रेरा की 100वीं बैठक में अब तक के प्रयासों एवं उपलब्धियों का स्मरण किया गया है बीते मंगलवार को हुई बैठक में अध्यक्ष श्री राजीव जी बताते है की रेरा देश में बहुत से अभिनव प्रयासों में सफल रहा है। लेकिन यह सब ससकारात्मक प्रगति एवं उपलब्धियाँ रेरा सदस्यगण, अधिकारीगण, सक्षम प्राधिकरणों तथा होम बायर्स एवं प्रोमोटर्स संघों के सकारात्मक दृष्टिकोण एवं सहयोग के बिना सम्भव नही था। उन्होंने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और उत्कृष्ट कार्यों एवंउपलब्धियों गति बनाये रखने का आह्वान किया। उन्होंने राज्य सरकार का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया और इस बात को बताया कि रेरा की समस्त गतिविधियों में राज्य सरकार का निरन्तर समर्थन तथा योगदान रहा है। बिते पांच वर्षों, विशेषत नियमित प्राधिकरण के विगत चार वर्षों के कार्यकाल में रेरा की कई उपलब्धियां रही है

उपलब्धियां संक्षेप में निम्नवत हैं

आपको बता दे की  पूरे देश में उपभोक्ता शिकायतों का निराकरण आवंटियों द्वारा 44555 शिकायतें दायर की गयी हैं, जिसमें नोएडा रेरा का शिकायतों का 38 प्रतिशत हैं। उ.प्र. रेरा द्वारा रियल इस्टेट सेक्टर की सभी शिकायतों का लगभग एक तिहाई बोझ को अकेले अपने कंधो पर सफलतापूर्वक उठाया गया है। रेरा द्वारा 39709 शिकायतों का निस्तारण किया गया है, यह देश में निस्तारित समस्त शिकायतोंरेरा देश में बहुत से अभिनव प्रयासों में अग्रणी रहा है।

आदेशों का कार्यान्वयन रिफण्ड के आदेश

रेरा द्वारा पारित आदेशों में जहाँ समयान्तर्गत अनुपालन न हो वहाँ ऑनलाइन क्रार्यान्वयन हेतु आवेदन दिया जा सकता है। इस प्रकार की एग्जीक्यूशन रिक्वेस्ट 12228 मामलों में प्राप्त हुई, जिसमें से 7377 आदेश रिफण्ड से सम्बन्धित हैं तथा 4290 मामले इकाई के कब्जे से सम्बन्धित हैं। रिफण्ड के आदेशों के सापेक्ष 5625 वसूली प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं जिनमें रू. 1761.88 करोड़ की मांग निहित है। इनमें से अब तक 2699 मामलो में रू. 344.62 करोड़ वसूल कर धनराशि आवंटियों के खातों में अंतरित कर दी गयी है तथा 1324 मामलो में रेरा की बेंचों के समक्ष या प्रोमोटर तथा आवंटी के मध्य सेटिलमेन्ट के द्वारा रू. 448 करोड़ का समाधान कराया गया है। इस प्रकार 7377 मामलो के सापेक्ष 4023 मामलों में रू. 792.62 करोड़ की मांग का समाधान हो गया है और अब तक रिफण्ड के आदेश के कार्यान्वयन हेतु आवेदनों के सापेक्ष 54.5 प्रतिशत मामलों में आदेश का कार्यान्वयन हो गया है। शेष मामलों में उत्तर प्रदेश रेरा तथा सम्बन्धित जिलाधिकारियों के स्तर से वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित करायी जा रही है।

कब्जे के आदेश

कब्जा तथा कब्जे में विलम्ब के लिए ब्याज के भुगतान के कुल 4721 आदेशों के सापेक्ष 3129 आदेशों अर्थात 66 प्रतिशत से अधिक आदेशों का कार्यान्वयन करा दिया गया है। शेष आदेशों के कार्यान्वयन की कार्यवाही प्राधिकण के स्तर से सुनिश्चित करायी जा रही है।

म्यूचुअल सेटिलमेन्ट्स

उक्त के अतिरिक्त रेरा की पीठों में शिकायतों की सुनवाई के दौरान पीठ के समक्ष ही 1311 मामलों में पारस्परिक समझौते के माध्यम से अंतिम रूप से समाधान सुनिश्चित कराया गया। उपर्युक्त उल्लिखित आदेशों सहित समस्त आदेशों के सापेक्ष प्राप्त कार्यान्वयन के आवेदन के विरूद्ध 69.2 प्रतिशत से अधिक आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करा लिया गया है। कन्सिलिएशन के माध्यम से उपभोक्ता विवादों का मैत्रीपूर्ण समाधान राज्य सरकार की स्वीकृति से उपभोक्ताओं तथा प्रोमोटर्स के मध्य विवादों का पारस्परिक समझौते के माध्यम से मैत्रीपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए लखनऊ मुख्यालय तथा एन.सी.आर. क्षेत्रीय कार्यालय गौतमबुद्धनगर में वर्ष 2018 के अंत में कन्सिलिएशन फोरम की स्थापना की गयी थी, जिसके माध्यम से 973 मामलों का समाधान कराया गया है। लेखा सम्बन्धी विवादों के समाधान में भी योगदान किया जा रहा है।

पंजीकृत परियोजनाएं

उत्तर प्रदेश रेरा में 2056 ऑनगोइंग तथा 1211 नवीन परियोजनाएं पंजीकृत हैं। ऑनगोइंग परियोजनाओं से तात्पर्य दिनांक 01.05.2017 को ऑनगोइंग परियोजनाओं से है। इनमें से 1069 परियोजनाएं (52) प्रतिशत एन.सी.आर के 08 जनपदों, मुख्य रूप से गौतमबुद्धनगर,गाजियाबाद, मेरठ तथा हापुड़ में हैं। 987 परियोजनाएं (48.01) प्रतिशत प्रदेश के अन्य 67 जनपदों में पंजीकृत हैं जिनमें से 399 परियोजनाएं ( 19.40) प्रतिशत जनपद लखनऊ में हैं। नवीन परियोजनाओं में 452 परियोजनाएं ( 37.32) प्रतिशत एन. सी. आर. में तथा 759 परियोजनाएं (62.67) प्रतिशत नॉन- एन. सी. आर. के जनपदों में हैं। ऑनगोइंग परियोजनाओं में एन.सी.आरतथा नॉन एन.सी.आर. का अनुपात 52 : 48 है तथा नवीन परियोजनाओं में एन.सी.आर. तथा नॉन एन.सी.आर. का अनुपात 37 : 63 है। पिछले एक वर्ष में एन. सी. आर. क्षेत्र में 74 नवीन परियोजनाएं तथा नॉन एन. सी. आर. क्षेत्र में 139 नवीन परियोजनाएं पंजीकृत हुई हैं,

उ.प्र. रेरा द्वारा माह फरवरी, 2020 में ई-कोर्ट्स लागू किया गया था तथा उ.प्र. रेरा ऐसा करने वाला पहला नियामक प्राधिकरण है। क्षुब्ध व्यक्तियों द्वारा ई-कोर्ट्स में 20634 शिकायतें फाइलकी गयी हैं और रेरा द्वारा 15884 शिकायतों का निस्तारण किया गया है। ई-कोर्ट्स मॉड्यूल में पक्षकारों को शिकायतों की सुनवाई हेतु वर्चुअल फोरम उपलब्ध है और फाईलिंग से लेकर सुनवाई तक समस्त प्रक्रिया इतनी सरल तथा यूजर फ्रेंडली है कि कोई भी पक्षकार अपने घर,कार्यालय सहित किसी भी लोकेशन से सुनवाई में प्रतिभाग कर सकता है। ई-कोर्ट्स के परिणाम अत्यन्त सकारात्मक है और समस्त हितधारकों द्वारा इसका स्वागत किया गया है। ई-कोर्ट्स के माध्यम से कोविड-19 पैंडेमिक के दौरान भी उ.प्र. रेरा द्वारा सामान्य रूप से शिकायतों की सुनवाई तथा समाधान किया गया और इसके साथ ही सर्व सम्बन्धित की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गयी। रेरा संवाद  कोविड- 19 पैंडेमिक के दौरान प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ संचार हेतु सुरक्षित माध्यम उपलब्ध कराने के उद्देश्य से माह मई, 2020 में ऑनलाइन रेरा संवाद प्रारम्भ किया गया जिसके अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति अपने मुद्दों को ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकता है और इसके लिए उसे वीडियो इण्टरैक्शन स्लॉट उपलब्ध कराया जाता है। इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अब तक 90 संवाद आयोजित किए गए हैं, जिसमें विभिन्न हितधारकों द्वारा प्रस्तुत किए गए लगभग 2500 प्रकरणों का निस्तारण सुनिश्चित किया गया। यह विकल्प अत्यन्त लोकप्रिय है तथा इसमें उपलब्ध सुविधा के दृष्टिगत हित धारकों द्वारा अब भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

डिफॉल्टर्स के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाहियाँ

अधिनियम के अधीन चूक के लिए धारा-7 के अन्तर्गत 31 प्रोमोटर्स की 73

कब और कैसे करें RTI फाइल ,जानिए पूरी प्रक्रिया – Apartment Times (nofaa.in)

परियोजनाओं का पंजीकरण निरस्त किया गया

परियोजना के पंजीकरण के बिना प्रोमोशन तथा मार्केटिंग के लिए 19 प्रोमोटर्स/एजेण्ट्स के विरूद्ध धारा – 3 / 59 के अन्तर्गत रू. 40 करोड़ अर्थदण्ड आरोपित किया गया। परियोजनाओं का क्यू.पी. आर. समय से नहीं फाइल करने के कारण 1088 परियोजनाओं के प्रोमोटर्स के विरूद्ध धारा 61 के अन्तर्गत रू. 18.20 करोड़ अर्थदण्ड आरोपित किया गया। उ.प्र. रेरा के आदेशों के उल्लंघन के लिए धारा – 63 के अन्तर्गत 71 प्रोमोटर्स के विरूद्ध रू.20.02 करोड़ अर्थदण्ड आरोपित किया गया । गौतमबुद्धनगर की उन्नति फॉर्च्यून कम्पनी तथा लखनऊ के आर. सन्स कम्पनी के विरूद्ध एस.आई.टी. जाँच की संस्तुति की गई। उ.प्र. रेरा की अभिनव पहल तथा प्रयास उ.प्र. रेरा द्वारा अधिनियम की धारा – 8 का उपयोग करते हुए फंसे हुए होम बायर्स के लिए आवासीय परियोजना को पूर्ण करने के लिए एक नया माध्यम उपलब्ध कराया गया है। ऐसी 14 परियोजनाओं में से पहली परियोजना ‘जे. पी. ग्रीन्स कैलिप्सो कोर्ट (फेज़ – II)’, जिसमें 148 इकाईयां हैं, नोएडा अथॉरिटी द्वारा ओ.सी. प्रदान करने के साथ सफलतापूर्वक पूर्ण हो गयी है। इन 14 परियोजनाओं के पूर्ण होने पर लगभग 7000 आवंटियों को उनके वर्षों से प्रतीक्षित आवास प्राप्त हो सकेंगे। प्रोमोटर्स द्वारा होम बायर्स से प्राप्त की जाने वाली धनराशि का रेरा अधिनियम के अनुसार सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिए दिनांक 24.12.2020 को परियोजना के एकाउण्ट के रख रखाव तथा संचालन के लिए बृहद गाईडलाइन्स जारी क जिसके अनुसार परियोजना के तीन एकाउण्ट्स- कलेक्शन एकाउण्ट, सेपरे तथा ट्रांजैक्शन एकाउण्ट खोलने तथा उ.प्र. रेरा की वेबसाइट पर देने की कगयी है। इससे आवंटियों के धनराशि की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।6/7 रियल इस्टेट सेक्टर में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा प्रोत्साहित करने तथा आवंटियों को उनके निवेश के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रतिष्ठित परामर्शदाता कम्पनी (CRISIL) के माध्यम से परियोजनाओं तथा प्रोमोटर्स के लिए ग्रेडिंग फ्रेमवर्क तैयार कराया गया है और राज्य सरकार की स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात वास्तविक ग्रेडिंग कार्य प्रारम्भ कराया जाएगा। रेरा में अनुभव के आधार पर रेरा अधिनियम में यथोचित संशोधन का प्रस्ताव भारत सरकार को तथा उ.प्र. रेरा नियमावली में यथोचित संशोधन का प्रस्ताव राज्य सरकारको भेजा गया है। इन संशोधनों के पश्चात उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण की व्यवस्था और प्रभावी हो सकेगी तथा उनको अनुतोष देने के मार्ग को बहुत सी बाधाएं दूर हो सकेंगी। राज्य सरकार द्वारा परियोजनाओं के प्रोमोशन में रेरा अधिनियम के प्राविधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराने और आवंटियों के समूह ( AOA / RWA ) के गठन की व्यवस्था

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