नोएडा. इस बार देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ (अमृत महोत्सव) मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर देशभर में हर घर तिरंगा अभियान में लोग बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहें है. हर घर तिरंगा अभियान के तहत भारत के घर-घर में झंडा फहराया जा रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि झंडा फहराने के क्या हैं नियम?
झंडे में 3 रंग और चक्र का प्रतीक क्या है
केसरिया शक्ति, साहस, त्याग का प्रतीक है. श्वेत शांति और सत्य का प्रतीक है. वहीं हरा रंग उर्वरता, समृद्धि, भूमि की हरियाली के साथ आशा और उमंग का प्रतीक है. जबकि बीच का चक्र देश के सतत प्रगति का प्रतीक है.
झंडा फहराने का समय नियमानुसार दिन और रात दोनों होना चाहीए
20 जुलाई 2022 से सरकार ने देश की झंडा संहिता में बदलाव किया है. अब नियमानुसार तिरंगा दिन और रात दोनों समय फहराये जाने की अनुमति रहेगी. साथ ही अब पॉलिएस्टर और मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज का भी उपयोग किया जा सकता है. झंडा अगर 100 फिट की ऊंचाई से अधिक फगराया गया है, तो दिन रात फहरा सकते हैं. रात में झंडे पर अच्छी रौशनी होनी चाहिए.
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झंडा कहां फहराने का स्थान क्या है
झंडा भारत का प्रत्येक नागरिक अपने घर, ऑफिस , दुकान, गोदाम इत्यादि में साल भर फहरा सकते हैं.
क्या झंडा से बने कपड़े पहन सकते हैं?
जी हां, पहन सकते हैं. लेकिन कमर से उपर झंडा बना होना चाहिए. इसके अलावा झंडे पर कोई भी अन्य आकृति नहीं बना सकते.
फटे झंडे को क्यो नही फहराना चाहिए?
नहीं, कोई भी व्यक्ति कटा या फटा झंडा नहीं फहरा सकता, झंडा साफ भी रहना चाहिए. राष्ट्र ध्वज को जमीन पर नहीं गिराना चाहिए और पानी में डुबोना भी नहीं चाहिए.
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